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मैं कम बोलता हूं, पर कुछ लोग कहते हैं कि जब मैं बोलता हूं तो बहुत बोलता हूं. मुझे लगता है कि मैं ज्यादा सोचता हूं मगर उनसे पूछ कर देखिये जिन्हे मैंने बिन सोचे समझे जाने क्या क्या कहा है! मैं जैसा खुद को देखता हूं, शायद मैं वैसा नहीं हूं....... कभी कभी थोड़ा सा चालाक और कभी बहुत भोला भी... कभी थोड़ा क्रूर और कभी थोड़ा भावुक भी.... मैं एक बहुत आम इन्सान हूं जिसके कुछ सपने हैं...कुछ टूटे हैं और बहुत से पूरे भी हुए हैं...पर मैं भी एक आम आदमी की तरह् अपनी ज़िन्दगी से सन्तुष्ट नही हूं... मुझे लगता है कि मैं नास्तिक भी हूं थोड़ा सा...थोड़ा सा विद्रोही...परम्परायें तोड़ना चाहता हूं ...और कभी कभी थोड़ा डरता भी हूं... मुझे खुद से बातें करना पसंद है और दीवारों से भी... बहुत से और लोगों की तरह मुझे भी लगता है कि मैं बहुत अकेला हूं... मैं बहुत मजबूत हूं और बहुत कमजोर भी... लोग कहते हैं लड़कों को नहीं रोना चाहिये...पर मैं रोता भी हूं...और मुझे इस पर गर्व है क्योंकि मैं कुछ ज्यादा महसूस करता हूं!आप मुझे nksheoran@gmail.com पर ईमेल से सन्देश भेज सकते हैं.+919812335234,+919812794323

Tuesday, February 8, 2011

प्यार भरे दिन का प्यारा सा इतिहास



प्यार का दिन, प्यार के इजहार का दिन। अपने जज्बातों को शब्दों में बयाँ करने के लिए शायद इस दिन का हर धड़कते हुए दिल को बेसब्री से इंतजार होता है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं, प्यार के परवानों के दिन की, वेलेंटाइन-डे की...। प्यार भरा यह दिन खुशियों का प्रतीक माना जाता है और हर प्यार करने वाले शख्स के लिए अलग ही अहमियत रखता है।

14 फरवरी को मनाया जाने वाला यह दिन विभिन्न देशों में अलग-अलग तरह से और अलग-अलग विश्वास के साथ मनाया जाता है। पश्चिमी देशों में तो इस दिन की रौनक अपने शबाब पर ही होती है, मगर पूर्वी देशों में भी इस दिन को मनाने का अपना-अपना अंदाज होता है।

जहाँ चीन में यह दिन 'नाइट्स ऑफ सेवेन्स' प्यार में डूबे दिलों के लिए खास होता है, वहीं जापान व कोरिया में इस पर्व को 'वाइट डे' का नाम से जाना जाता है। इतना ही नहीं, इन देशों में इस दिन से लगाए पूरे एक महीने तक यहाँ पर लोग अपने प्यार का इजहार करते हैं और एक-दूसरे को तोहफे व फूल देकर अपनी भावनाओं का इजहार करते हैं।

इस पर्व पर पश्चिमी देशों में पारंपरिक रूप से इस पर्व को मनाने के लिए 'वेलेंटाइन-डे' नाम से प्रेम-पत्रों का आदान प्रदान तो किया जाता है ही, साथ में दिल, क्यूपिड, फूलों आदि प्रेम के चिन्हों को उपहार स्वरूप देकर अपनी भावनाओं को भी इजहार किया जाता है। 19वीं सदीं में अमेरिका ने इस दिन पर अधिकारिक तौर पर अवकाश घोषित कर दिया था।

यू.एस ग्रीटिंग कार्ड के अनुमान के अनुसार पूरे विश्व में प्रति वर्ष करीब एक बिलियन वेलेंटाइन्स एक-दूसरे को कार्ड भेजते हैं, जो क्रिसमस के बाद दूसरे स्थान सबसे अधिक कार्ड के विक्रय वाला पर्व माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि वेलेंटाइन-डे मूल रूप से संत वेलेंटाइन के नाम पर रखा गया है। परंतु सैंट वेलेंटाइन के विषय में ऐतिहासिक तौर पर विभिन्न मत हैं और कुछ भी सटीक जानकारी नहीं है। 1969 में कैथोलिक चर्च ने कुल ग्यारह सेंट वेलेंटाइन के होने की पुष्टि की और 14 फरवरी को उनके सम्मान में पर्व मनाने की घोषणा की। इनमें सबसे महत्वपूर्ण वेलेंटाइन रोम के सेंट वेलेंटाइन माने जाते हैं।

1260 में संकलित कि गई 'ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन' नामक पुस्तक में सेंट वेलेंटाइन का वर्णन मिलता है। इसके अनुसार शहंशाह क्लॉडियस के शासन में सेंट वेलेंटाइन ने जब ईसाई धर्म को अपनाने से इंकार कर दिया था, तो क्लॉडियस ने उनका सिर कलम करने के आदेश दिए।

कहा जाता है कि सेंट वेलेंटाइन ने अपनी मृत्यु के समय जेलर की नेत्रहीन बेटी जैकोबस को नेत्रदान किया व जेकोबस को एक पत्र लिखा, जिसमें अंत में उन्होंने लिखा था 'तुम्हारा वेलेंटाइन'। यह दिन था 14 फरवरी, जिसे बाद में इस संत के नाम से मनाया जाने लगा और वेलेंटाइन-डे के बहाने पूरे विश्व में निःस्वार्थ प्रेम का संदेश फैलाया जाता है।

2 comments:

  1. " भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" की तरफ से आप, आपके परिवार तथा इष्टमित्रो को होली की हार्दिक शुभकामना. यह मंच आपका स्वागत करता है, आप अवश्य पधारें, यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो "फालोवर" बनकर हमारा उत्साहवर्धन अवश्य करें. साथ ही अपने अमूल्य सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ, ताकि इस मंच को हम नयी दिशा दे सकें. धन्यवाद . आपकी प्रतीक्षा में ....
    भारतीय ब्लॉग लेखक मंच

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  2. बहुत अच्छी पोस्ट, शुभकामना, मैं सभी धर्मो को सम्मान देता हूँ, जिस तरह मुसलमान अपने धर्म के प्रति समर्पित है, उसी तरह हिन्दू भी समर्पित है. यदि समाज में प्रेम,आपसी सौहार्द और समरसता लानी है तो सभी के भावनाओ का सम्मान करना होगा.
    यहाँ भी आये. और अपने विचार अवश्य व्यक्त करें ताकि धार्मिक विवादों पर अंकुश लगाया जा सके., हो सके तो फालोवर बनकर हमारा हौसला भी बढ़ाएं.
    मुस्लिम ब्लोगर यह बताएं क्या यह पोस्ट हिन्दुओ के भावनाओ पर कुठाराघात नहीं करती.

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