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मैं कम बोलता हूं, पर कुछ लोग कहते हैं कि जब मैं बोलता हूं तो बहुत बोलता हूं. मुझे लगता है कि मैं ज्यादा सोचता हूं मगर उनसे पूछ कर देखिये जिन्हे मैंने बिन सोचे समझे जाने क्या क्या कहा है! मैं जैसा खुद को देखता हूं, शायद मैं वैसा नहीं हूं....... कभी कभी थोड़ा सा चालाक और कभी बहुत भोला भी... कभी थोड़ा क्रूर और कभी थोड़ा भावुक भी.... मैं एक बहुत आम इन्सान हूं जिसके कुछ सपने हैं...कुछ टूटे हैं और बहुत से पूरे भी हुए हैं...पर मैं भी एक आम आदमी की तरह् अपनी ज़िन्दगी से सन्तुष्ट नही हूं... मुझे लगता है कि मैं नास्तिक भी हूं थोड़ा सा...थोड़ा सा विद्रोही...परम्परायें तोड़ना चाहता हूं ...और कभी कभी थोड़ा डरता भी हूं... मुझे खुद से बातें करना पसंद है और दीवारों से भी... बहुत से और लोगों की तरह मुझे भी लगता है कि मैं बहुत अकेला हूं... मैं बहुत मजबूत हूं और बहुत कमजोर भी... लोग कहते हैं लड़कों को नहीं रोना चाहिये...पर मैं रोता भी हूं...और मुझे इस पर गर्व है क्योंकि मैं कुछ ज्यादा महसूस करता हूं!आप मुझे nksheoran@gmail.com पर ईमेल से सन्देश भेज सकते हैं.+919812335234,+919812794323

Monday, July 9, 2012

कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है........


बहुत बिखरा बहुत टूटा थपेड़े सह नही पाया
हवाओं के इशारों पर मगर मै बह नही पाया
अधूरा अनसुना ही रह गया यूँ प्यार का क़िस्सा
कभी तुम सुन नही पाई कभी मै कह नही पाया

***

मै जब भी तेज़ चलता हूँ नज़ारे छूट जाते हैं
कोई जब रूप गढ़ता हूँ तो साँचे टूट जाते हैं
मै रोता हूँ तो आकर लोग कंधा थपथपाते हैं
मैं हँसता हूँ तो अक्सर लोग मुझसे रूठ जाते हैं


***

कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी तो बस बादल समझता है
मै तुझसे दूर कैसा हूँ तू मुझसे दूर कैसी है
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है


***
मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है
कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है
यहा सब लोग कहते है मेरी आँखों में आँसू है
जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है


***
जिसकी धुन पर दुनिया नाचे, दिल एक ऐसा इकतारा है,जो हमको भी प्यारा है और, जो तुमको भी प्यारा है.
झूम रही है सारी दुनिया, जबकि हमारे गीतों पर,तब कहती हो प्यार हुआ है, क्या अहसान तुम्हारा है.
***
जो धरती से अम्बर जोड़े , उसका नाम मोहब्बत है ,जो शीशे से पत्थर तोड़े , उसका नाम मोहब्बत है ,कतरा कतरा सागर तक तो ,जाती है हर उमर मगर ,बहता दरिया वापस मोड़े , उसका नाम मोहब्बत है .
***
पनाहों में जो आया हो, तो उस पर वार क्या करना ?जो दिल हारा हुआ हो, उस पे फिर अधिकार क्या करना ?मुहब्बत का मज़ा तो डूबने की कशमकश में हैं,जो हो मालूम गहराई, तो दरिया पार क्या करना ?
***
बस्ती बस्ती घोर उदासी पर्वत पर्वत खालीपन,मन हीरा बेमोल बिक गया घिस घिस रीता तनचंदन,इस धरती से उस अम्बर तक दो ही चीज़ गज़ब की है,एक तो तेरा भोलापन है एक मेरा दीवानापन.
***

तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है समझता हूँ,तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है समझता हूँ,तुम्हे मै भूल जाऊँगा ये मुमकिन है नही लेकिन,तुम्ही को भूलना सबसे ज़रूरी है समझता हूँ

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