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मैं कम बोलता हूं, पर कुछ लोग कहते हैं कि जब मैं बोलता हूं तो बहुत बोलता हूं. मुझे लगता है कि मैं ज्यादा सोचता हूं मगर उनसे पूछ कर देखिये जिन्हे मैंने बिन सोचे समझे जाने क्या क्या कहा है! मैं जैसा खुद को देखता हूं, शायद मैं वैसा नहीं हूं....... कभी कभी थोड़ा सा चालाक और कभी बहुत भोला भी... कभी थोड़ा क्रूर और कभी थोड़ा भावुक भी.... मैं एक बहुत आम इन्सान हूं जिसके कुछ सपने हैं...कुछ टूटे हैं और बहुत से पूरे भी हुए हैं...पर मैं भी एक आम आदमी की तरह् अपनी ज़िन्दगी से सन्तुष्ट नही हूं... मुझे लगता है कि मैं नास्तिक भी हूं थोड़ा सा...थोड़ा सा विद्रोही...परम्परायें तोड़ना चाहता हूं ...और कभी कभी थोड़ा डरता भी हूं... मुझे खुद से बातें करना पसंद है और दीवारों से भी... बहुत से और लोगों की तरह मुझे भी लगता है कि मैं बहुत अकेला हूं... मैं बहुत मजबूत हूं और बहुत कमजोर भी... लोग कहते हैं लड़कों को नहीं रोना चाहिये...पर मैं रोता भी हूं...और मुझे इस पर गर्व है क्योंकि मैं कुछ ज्यादा महसूस करता हूं!आप मुझे nksheoran@gmail.com पर ईमेल से सन्देश भेज सकते हैं.+919812335234,+919812794323

Monday, November 29, 2010

जाट जुगाड़ी

भाई जाट जुगाड़ी आदमी हो से.  किते न किते तै सारी बाता का जुगाड़ कर लिया करे.
एक बै एक जाट और एक बामण का छोरा एक एक ऊंट ले के जंगल में घुमण जा रे.
जाट के छोरे की नकेल टूट गी. ऊंट उसने तंग करण लाग गया.
वो बामण के छोरे तै बोल्या भाई यो शरीर के तागा (जनेऊ ) बांद रहा यो मने दे दे.
यो ऊंट मने दुखी कर रहा से .
बामण का बोलूया- न भाई यो जनेऊ तै हमारा धरम से में ना दू .
वो दुखी सुखी हो के घरा आगे .
आते ही जाट का छोरा आपने बाबु तै बोल्या — बाबु आज जंगल में इस बामण के ने मेरी गल्या
इसा काम करा . एक तागा माँगा था वो भी न दिया . आगे इन तै वयवहार कोन्या राखना.
उसका बाबु बोल्या — अरे इसका बाबु भी इसा ऐ था . तेरी बेबे के ब्याह आले दिन तेरी बेबे बीमार होगी
तै मने बामण ताहि न्यू कही के भाई एक बै तू फेरा के उपर आपनी छोरी नै बिठा दे एक घंटे खातर
घाल तै मैं आपनी ने दूंगा , पर भाई यो बामण मान्या नही /
छोरा बोल्या — फेर के हुआ बाबु
बाबु बोल्या - अरे होना के था फेर एक घंटे खातर तेरी माँ फेरा पे बठानी पड़ी

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